उत्तराखंड

माननीय न्यायालय के आदेशानुसार मातावाला बाग की 250 मी० की परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित श्री दरबार साहिब भी इस परिधि के अन्तर्गत आता है। इसके बावजूद अमन स्वेडिया व अन्य के द्वारा इस प्रकार का प्रदर्शन माननीय न्यायालय के आदेश की खुली अवहेलना ह  

माननीय न्यायालय के आदेशानुसार मातावाला बाग की 250 मी० की परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित श्री दरबार साहिब भी इस परिधि के अन्तर्गत आता है। इसके बावजूद अमन स्वेडिया व अन्य के द्वारा इस प्रकार का प्रदर्शन माननीय न्यायालय के आदेश की खुली अवहेलना ह

 

 

श्री दरबार साहिब को टारगेट कर
धार्मिक उन्माद फैलाने का षडयंत्र
श्री दरबार साहिब से जुड़ी लाखों करोड़ों संगतों में भारी रोष
एतिहासिक स्थल पर बेअदबी नहीं होगी बर्दाश्त
मतावाला बाग के बारे में गलत व भ्रामक जानकारी देकर पब्लिक को भड़काया जा रहा

देहरादून। देश की एतिहासिक धरोहर दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज को टारगेट कर कुछ असामाजितक तत्व धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। श्री दरबार साहिब से जुड़ी संगतों में इस बात को लेकर भारी रोष व्याप्त है। पहले मातावाला बाग की जमीन को कब्जा करने का षडयंत किया गया। कोर्ट से मूंह की खाने के बाद अब अमन श्वेडिया व कुछ असामाजिक तत्व श्री दरबार साहिब को टारगेट कर माहौल को तनावपूर्ण बनाने का कार्य कर रहे हैं। श्री दरबार साहिब प्रांगण में धरना प्रदर्शन नारेबाजी कर अमर श्वेडिया माहौल खराब करने का काम कर चुके हैं। श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने प्रेस क्लब देहरादून में गुरुवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित कर आगाह किया कि इस प्रकार का गतिरोध पैदा कर भारी तनाव पैदा किया जा रहा है यह उचित नहीं है। श्री दरबार साहिब के मुख्य व्यास्थापक मधुसूदन सेमवाल, विशेष कार्यधिकारी विनय मोहन थपलियाल. मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी, कोच पवन शर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी दिनेश रतूड़ी, विजय गुलाटी व श्री राजेंद्र ध्यानी ने सम्बोधित किया.
काबिलेगौर है कि मातावाला बाग दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज द्वारा संचालित ऐतिहासिक धरोहर है। इस जमीन के एक इंच पर भी श्री दरबार साहिब प्रबन्धन कब्जा नहीं होने देगा। अमन स्वेडिया और उनके कुछ साथी असामाजिक तत्व और भू माफिया मातावाला बाग पर कब्जा करना चाहते हैं। ऐसे लोग श्री दरबार साहिब के इतिहास से ठीक तरह वाकिफ नहीं है।
दिनांक 10 अप्रैल 2025 को अमन स्वेडिया ने प्रेस काॅन्फ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी है कि वह अपने कुछ साथियों के साथ दिनांक 13 अप्रैल 2025 को जन आक्रोश पैदल मार्च निकालेंगे। जिसमें मातावाला बाग और श्री दरबार साहिब के नाम का भी उल्लेख किया गया है। माननीय न्यायालय के आदेशानुसार मातावाला बाग की 250 मी० की परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित है। श्री दरबार साहिब भी इस परिधि के अन्तर्गत आता है। इसके बावजूद अमन स्वेडिया व अन्य के द्वारा इस प्रकार का प्रदर्शन माननीय न्यायालय के आदेश की खुली अवहेलना है।
ज्वलंत सवाल ये भी हैं
1) जब मातावाला बाग श्री दरबार साहिब की सम्पत्ति है तो ये कौन लोग हैं जो श्री दरबार साहिब
की जमीन पर जोर जबरदस्ती कर रहे हैं
2) इन लोगों के क्या निजी स्वार्थ हैं ?
3) ये कौन लोग हैं जो श्री दरबार साहिब की जमीन पर गिद्धदृष्टि डाले बैठें हैं ?
4) ये कौन लोग हैं जो श्री दरबार साहिब के गरिमामई छवि को खराब करने का काम कर रहे हैं
5) भ्रम व विद्धेश फैलाकर क्यों नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं ?
6) ये कौन लोग हैं जो कौमी एकता और सौहार्दपूर्णं माहौल को दूषित करने का काम कर रहे हैं
7) ये कौन लोग हैं जो दरबार श्री गुरु राम जी महाराज के पूजनीय श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी की
छवि को खराब करने का काम कर रहे हैं।
8) ये कौन लोग हैं जो मन्दिर की आड़ धार्मिक आस्था पर चोट कर रहे हैं, इनके मंसूबे क्या हैं ?
श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने जिलाधिकारी देहरादून, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून व सिटी मैजिस्ट्रेट देहरादून को पत्र लिखकर अवगत करवाया है कि इन असामाजिक तत्वों के द्वारा श्री दरबार साहिब की गरिमा के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। श्री दरबार साहिब से जुड़ी लाखों करोड़ों संगतों के बीच इस बात से भारी रोष व्याप्त है। श्री दरबार साहिब को टारगेट करने से अब भारी तनाव उत्पन हो गया है।
दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने कहा कि वरिष्ठ सज्जन नागरिकों के लिए मातावाला बाग में सुबह शाम सैर-भ्रमण करने के लिए कोई रोक नहीं है। लेकिन माननीय कोर्ट के आदेश के अनुसार मातावाला बाग में प्रवेश करने वालों के लिए अनुमति पत्र बनाना अनिवार्य होगा और ऐसे आगन्तुकों का रिकाॅर्ड रखना भी आवश्यक होगा ताकि अच्छे नागरिकों की आड़ में नशेड़ी व ड्रग माफिया मातावाला बाग को अपना अड्डा न बना सकें। पिछले कुछ दिनों से असामाजिक तत्वों द्वारा मातावाला बाग में माहौल खराब करने की शिकायतें आ रही थीं। कोर्ट के आदेशानुसार मातावाला बाग के 250 मीटर के दायरे में कोई भी व्यक्ति या समूह किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन, नारेबाजी नहीं कर सकेगा, किसी प्रकार का कोई व्यवधान उत्पन नहीं कर सकेगा। किसी भी व्यक्ति के मातावाला बाग में प्रवेश पर पूर्णतः रोक रहेगी। मातवाला बाग में जब तक प्रवेश नियमवाली नहीं बन जाती है व नए कुश्ती कोच की नियुक्ति नहीं हो जाती है प्रवेश पर रोक प्रभावी रहेगी।
काबिलेगौर है कि श्री दरबार साहिब देहरादून के द्वारा निरंतर जनहित में कार्य किए जा रहे हैं। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश के मरीजों की लाइफ लाइन के रूप में जाना जाता है। श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के अन्तर्गत संचालित एसजीआरआर पब्लिक स्कूलों के द्वारा रियायती दरों पर उच्च श्रेणी की शिक्षा बच्चों को उपलब्ध करवाई जा रही है। इसमें गरीब व जरूरतमंद परिवारों के बच्चे विशेष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
देहरादून की हरियाली को बचाने के लिए श्री गुरु राम राय ग्रुप के संस्थान हमेशा सबसे आगे रहे हैं। एसजीआरआर के संस्थानों में निर्माण कार्य के साथ हरियाली व पौधरोपण का विशेष सामान्जस्य देखने को मिलता है। यही कारण है कि एसजीआरआर के संस्थानों में अच्छी हरियाली देखने को मिलती है। समय समय पर पौधरौपण कर शहर की हरियाली को बचाने के लिए एसजीआरआर सबसे आगे रहा है। मातावाला बाग का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। मातावाला बाग प्रवेश गेट का निर्माण हो चुका है और उसके अन्दर के हिस्से में खरपतवार को काटकर जुताई-बुआई की गई है सौन्दर्यकरण का कार्य जारी है। बाउंड्रीवाॅल लग चुकी है। इससे पूर्व मातावाला बाग को कूड़ाघर बनाने की कवायद थी। बाग के चारो तरफ से कूड़ा यहां वहां फेका जा रहा था जिससे बाग की सुन्दरता खराब हो रही थी। श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने इस पर रोक लगाई। श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने की पहल से मातावाला बाग के सौन्दर्यीकरण का कायाकल्प हो गया है।
इन्हीं असमाजितक तत्वों द्वारा मातावाला बाग में पेड़ काटने की झूठी अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाई गई। श्री दरबार साहिब प्रन्धन ने प्रभागीय वनाधिकारी को पत्र लिखकर (पत्र की प्रति संलग्न) स्थलीय निरीक्षण की मांग की। श्री दरबार साहिब प्रबन्धन ने प्रभागीय वनाधिकारी से आग्रह किया कि मातावाला बाग में विभिन्न प्रजातियों के फलदार एवम् अन्य विद्यामान पेड़ों की गणना की जाए। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मातावाला बाग का स्थलीय निरीक्षण कर पेड़ों की गणना की गई व गणना को सही पाया। वर्ष 2018 में भी इन्हीं असामाजिक तत्वों ने मातावाला बाग में पेड़ कटान की झूठी अफवाह फैलाई थी। उस समय आधंी तूफान की वजह से पेड़ गिर गए थे। वन विभाग की टीम ने उस समय भी मातावाला बाग का स्थलीय निरीक्षण कर सही जानकारी को सबके सामने रखा था। उस समय आंदोलन करने वाले लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ा।
मेला शुरू होने से पहले हर साल मातवाला बाग में संगतों द्वारा सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। मातावाला बाग में शराब, नशा बेचने की शिकायत आने से उस दिन संगत में नाराजगी फैल गई। संगतों इस स्थल को बेहद पवित्र मानती हैं। यही कारण रहा कि दोनों पक्षों के बीच गहमागहमी और बहसबाजी की नौबत आई। बाकी सभी आरोप निराधार और भ्रम फैलाने वाले हैं। अमन श्वेडिया ने अपने साथियों के साथ मातावाला बाग के सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट की। इससे स्थिति और खराब हो गई।

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