उत्तराखंड

अब सिफारिश नहीं, सिर्फ काबिलियत — धामी की नई उत्तराखंड भर्ती नीति

अब सिफारिश नहीं, सिर्फ काबिलियत — धामी की नई उत्तराखंड भर्ती नीति  

 

अब सिफारिश नहीं, सिर्फ काबिलियत — धामी की नई उत्तराखंड भर्ती नीति

जनपद अल्मोड़ा के रानीखेत निवासी दीपक सती ने वर्ष 2024 में अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पर्यावरण पर्यवेक्षक की परीक्षा उत्तीर्ण कर वर्तमान में नगर पालिका परिषद नगला, उधमसिंहनगर में सेवाएँ देना प्रारंभ की हैं।

दीपक कहते हैं कि “वर्तमान सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया और सख्त नकल विरोधी कानून के कारण ही आज प्रतियोगी परीक्षाओं में मेहनती और ईमानदार छात्रों का सपना साकार हो रहा है।”

दीपक की सफलता की यह कहानी केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि पूरे परिवार और क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। एक माध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले दीपक के पिताजी की रानीखेत में एक छोटी सी चाय की दुकान है, दीपक बताते है, की उनकी बड़ी बहन ने भी वर्ष 2024 में UKPSC के माध्यम से कनिष्ठ सहायक के पद पर चयन पाया, वहीं उनकी ताऊजी की बेटी को PWD विभाग में जूनियर इंजीनियर (JE) के पद पर सफलता मिली।

यह उपलब्धियाँ साबित करती हैं कि अब उत्तराखंड की प्रतियोगी परीक्षाओं में सिर्फ और सिर्फ मेहनत और ईमानदारी ही सफलता की कुंजी है। सरकार की नई भर्ती प्रणाली ने युवाओं को यह विश्वास दिलाया है कि बिना किसी अनुचित साधन के भी सपनों को साकार किया जा सकता है।

दीपक और उनके परिवार की यह उपलब्धि आज पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो दिखाती है कि सच्ची लगन और नकलविहीन प्रणाली मिलकर समाज को नई दिशा दे सकती हैं।

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