उत्तराखंड

पुलिस के अनुसार मरने से कुछ देर पहले जितेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में उसने भाजयुमो के प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली पर भूमि खरीद-फरोख्त के मामले में उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था  

 

पुलिस के अनुसार मरने से कुछ देर पहले जितेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में उसने भाजयुमो के प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली पर भूमि खरीद-फरोख्त के मामले में उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था

 

 

 

पौड़ी कोतवाली क्षेत्र में एक युवक जितेंद्र कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले युवक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कुछ लोगों पर जमीन के सौदे को लेकर उसे परेशान करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में भाजयुमो (भारतीय जनता युवा मोर्चा) के प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली सहित पांच लोगों को देहरादून से गिरफ्तार किया है

कोतवाली प्रभारी कमलेश शर्मा ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरगांव तलसारी निवासी जितेंद्र कुमार (32) ने सुबह करीब 4 बजे खुद को गोली मार ली है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को एक कार से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फॉरेंसिक टीम ने कार से आवश्यक सबूत जुटाए हैं। शर्मा ने बताया कि जितेंद्र अपने चाचा मुकेश चंद्र के घर तलसारी में रह रहा था, जबकि उसका परिवार देहरादून के भानियावाला में रहता है। उसकी शादी 2020 में हुई थी और उसके दो बच्चे हैं, लेकिन वह अपने परिवार से अलग रहता था।
पुलिस के अनुसार मरने से कुछ देर पहले जितेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में उसने भाजयुमो के प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली पर भूमि खरीद-फरोख्त के मामले में उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था

वही हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें डोईवाला निवासी युवक जितेंद्र नेगी ने आत्महत्या से पूर्व जमीन की खरीद-फरोख्त संबंधी विवाद का उल्लेख किया है। वीडियो में उसने हिमांशु चमोली नामक व्यक्ति का नाम लिया है।

इस मामले में पुलिस द्वारा जांच की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। *वीडियो में हिमांशु चमोली को मुख्यमंत्री का OSD बताए जाने का दावा किया गया है, किंतु फैक्ट चेक में यह दावा पूरी तरह भ्रामक और असत्य साबित हुआ है*। मुख्यमंत्री कार्यालय में इस नाम का कोई OSD नियुक्त नहीं है और न ही इस संबंध में कोई सरकारी आदेश अथवा नियुक्ति पत्र जारी हुआ है।

भाजपा करोड़ों कार्यकर्ताओं वाली पार्टी है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि यदि कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री कार्यालय या पार्टी के नाम पर धन का लेन-देन करता है, तो *पैसा देने वाले को भी संपूर्ण सत्यापन एवं जांच-परख करना आवश्यक है।* बिना तथ्य जाने किसी के बहकावे में आना व्यक्तिगत भूल है, और ऐसे मामलों से सभी को सतर्क रहना चाहिए।

दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष और कुछ तथाकथित youtubers इस संवेदनशील विषय को भी सस्ते राजनीतिक लाभ का माध्यम बना रहे हैं और जनता को भ्रमित करने और मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय पर निराधार आरोप लगाना विपक्ष की केवल और केवल *घटिया राजनीति* है।

जनता से अपील है कि वे किसी भी प्रकार की अपुष्ट खबरों पर विश्वास न करें। इस प्रकार की झूठी और भ्रामक सूचनाएँ फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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